मिसरी बनकर वही घुली है खारी सी तकरारों में, भरती अपनेपन की मिट्टी उभरी हुई दरारों में । मिसरी बनकर वही घुली है खारी सी तकरारों में, भरती अपनेपन की मिट्टी उभरी हुई दर...
सरिता सम चल, कल कल अविरल निश्चित, ऊर्जित अंतर्मन सरिता सम चल, कल कल अविरल निश्चित, ऊर्जित अंतर्मन
बे मौसम बरसात बहुत है। कर्जे की सौगात बहुत है। बे मौसम बरसात बहुत है। कर्जे की सौगात बहुत है।
हिंदी की सुगंध बड़ी निराली है, मीठी , स्नेहिल और मतवाली है। हिंदी की सुगंध बड़ी निराली है, मीठी , स्नेहिल और मतवाली है।
जगत में होता अनवरत ही बदलाव, आती है जड़ता यदि आया ठहराव। जगत में होता अनवरत ही बदलाव, आती है जड़ता यदि आया ठहराव।
जब पतझड़ सी ज़िन्दगी में गुलाब का कोई फूल आए तो ज़िन्दगी एक हसीन ख़्वाब बन जाती है। जब पतझड़ सी ज़िन्दगी में गुलाब का कोई फूल आए तो ज़िन्दगी एक हसीन ख़्वाब बन जाती है।